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Question 11
Question 12
Question 13
Question 14
Question 15
Question 16
Question 17
Question 18
Question 19
There was once a fisherman who was also an excellent flute player. One day he took his flute and a fish-basket, jumped up on a rock and began to play his time. He was convinced that the fish would be enchanted by his music and leap into his basket willingly. Unfortunately, he did not catch single fish. So he went home, brought his net and threw it into the water. He caught so many fish that his basket overflowed. ‘Stupid creatures!‘ he exclaimed, as he watched the fish twist and jump into his net.’ You did not dance when I played my flute, but when I am not playing, you can’t stop dancing!’
Question 20
There was once a fisherman who was also an excellent flute player. One day he took his flute and a fish-basket, jumped up on a rock and began to play his time. He was convinced that the fish would be enchanted by his music and leap into his basket willingly. Unfortunately, he did not catch single fish. So he went home, brought his net and threw it into the water. He caught so many fish that his basket overflowed. ‘Stupid creatures!‘ he exclaimed, as he watched the fish twist and jump into his net.’ You did not dance when I played my flute, but when I am not playing, you can’t stop dancing!’
Question 21
There was once a fisherman who was also an excellent flute player. One day he took his flute and a fish-basket, jumped up on a rock and began to play his time. He was convinced that the fish would be enchanted by his music and leap into his basket willingly. Unfortunately, he did not catch single fish. So he went home, brought his net and threw it into the water. He caught so many fish that his basket overflowed. ‘Stupid creatures!‘ he exclaimed, as he watched the fish twist and jump into his net.’ You did not dance when I played my flute, but when I am not playing, you can’t stop dancing!’
Question 22
The man/standing next to/the pillar is/my older brother.
Question 23
Question 24
Knife
Question 25
आज ऐसा कौन-सा भारतीय है जो महाराणा प्रताप के नाम से परिचित न हो। मेवाड़ राजस्थान का एक छोटा-सा राज्य था। महाराणा प्रताप उसी राज्य के शासक थे। उस समय मुगल सम्राट अकबर अपने साम्राज्य का विस्तार करने में लगा हुआ था। वह अपनी विशाल सेना के साथ छोटे-छोटे राज्यों को अपने अधीन करता हुआ आगे बढ़ रहा था। इसी प्रयास में उसने मेवाड़ पर भी आक्रमण किया। उस समय राजपूत राजा आपसी फूट के कारण एक न हो सके किंतु महाराणा प्रताप ने अकबर से हार स्वीकार नहीं की यहां तक कि उनका छोटा भाई शक्ति सिंह भी अकबर से जा मिला। राणा प्रताप ने हिम्मत से काम लिया और उन्होंने बिखरे हुए सरदारों और सेना का पुनर्गठन किया और प्रत्यक्ष युद्ध को छोड़कर अरावली की पहाड़ियों में छिपकर छापामार युद्ध करने लगे और मुगल सेना को हराने लगे। महाराणा प्रताप का अकबर से प्रसिद्ध युद्ध हल्दी घाटी में हुआ। राणा ने मुगल सैनिकों के छक्के छुड़ा दिए किंतु मुगल सेना को विशाल सैन्यशक्ति का लाभ मिला। राणा प्राणा प्रताप घायल हो गए और उनके साथी सरदार झाला ने राणा का मुकुट स्वयं पहन लिया और राणा से मैदान से हट जाने को कहा और स्वयं प्राणों का बलिदान कर दिया। राणा प्रताप अपने प्रिय घोड़े चेतक पर चढ़कर युद्ध क्षेत्र से सुरक्षित निकल गए किंतु शक्ति सिंह उनका पीछा कर रहा था। अंततः चेतक भी गिर गया और मर गया। राणा की इस अवस्था पर शक्ति सिहं का हृदय बदल गया उसने राणा की सहायता कर अपने आचरण पर पश्चाताप किया। महाराणा प्रताप निरंतर 25 वर्षों तक मुगलों से संघर्ष करते रहे। उनका प्रण था कि जब तक मातृभूमि को स्वतंत्र नहीं कर लूंगा, तब तक पत्तल पर भोजन करूंगा और जमीन पर सोऊँगा। आज देशवासी उन्हें स्वतंत्रता के रक्षक के रूप में पूजते हैं, नमन करते हैं।
महाराणा प्रताप और अकबर के बीच कौन-सा युद्ध हुआ?
Question 26
आज ऐसा कौन-सा भारतीय है जो महाराणा प्रताप के नाम से परिचित न हो। मेवाड़ राजस्थान का एक छोटा-सा राज्य था। महाराणा प्रताप उसी राज्य के शासक थे। उस समय मुगल सम्राट अकबर अपने साम्राज्य का विस्तार करने में लगा हुआ था। वह अपनी विशाल सेना के साथ छोटे-छोटे राज्यों को अपने अधीन करता हुआ आगे बढ़ रहा था। इसी प्रयास में उसने मेवाड़ पर भी आक्रमण किया। उस समय राजपूत राजा आपसी फूट के कारण एक न हो सके किंतु महाराणा प्रताप ने अकबर से हार स्वीकार नहीं की यहां तक कि उनका छोटा भाई शक्ति सिंह भी अकबर से जा मिला। राणा प्रताप ने हिम्मत से काम लिया और उन्होंने बिखरे हुए सरदारों और सेना का पुनर्गठन किया और प्रत्यक्ष युद्ध को छोड़कर अरावली की पहाड़ियों में छिपकर छापामार युद्ध करने लगे और मुगल सेना को हराने लगे। महाराणा प्रताप का अकबर से प्रसिद्ध युद्ध हल्दी घाटी में हुआ। राणा ने मुगल सैनिकों के छक्के छुड़ा दिए किंतु मुगल सेना को विशाल सैन्यशक्ति का लाभ मिला। राणा प्राणा प्रताप घायल हो गए और उनके साथी सरदार झाला ने राणा का मुकुट स्वयं पहन लिया और राणा से मैदान से हट जाने को कहा और स्वयं प्राणों का बलिदान कर दिया। राणा प्रताप अपने प्रिय घोड़े चेतक पर चढ़कर युद्ध क्षेत्र से सुरक्षित निकल गए किंतु शक्ति सिंह उनका पीछा कर रहा था। अंततः चेतक भी गिर गया और मर गया। राणा की इस अवस्था पर शक्ति सिहं का हृदय बदल गया उसने राणा की सहायता कर अपने आचरण पर पश्चाताप किया। महाराणा प्रताप निरंतर 25 वर्षों तक मुगलों से संघर्ष करते रहे। उनका प्रण था कि जब तक मातृभूमि को स्वतंत्र नहीं कर लूंगा, तब तक पत्तल पर भोजन करूंगा और जमीन पर सोऊँगा। आज देशवासी उन्हें स्वतंत्रता के रक्षक के रूप में पूजते हैं, नमन करते हैं।
Question 27
आज ऐसा कौन-सा भारतीय है जो महाराणा प्रताप के नाम से परिचित न हो। मेवाड़ राजस्थान का एक छोटा-सा राज्य था। महाराणा प्रताप उसी राज्य के शासक थे। उस समय मुगल सम्राट अकबर अपने साम्राज्य का विस्तार करने में लगा हुआ था। वह अपनी विशाल सेना के साथ छोटे-छोटे राज्यों को अपने अधीन करता हुआ आगे बढ़ रहा था। इसी प्रयास में उसने मेवाड़ पर भी आक्रमण किया। उस समय राजपूत राजा आपसी फूट के कारण एक न हो सके किंतु महाराणा प्रताप ने अकबर से हार स्वीकार नहीं की यहां तक कि उनका छोटा भाई शक्ति सिंह भी अकबर से जा मिला। राणा प्रताप ने हिम्मत से काम लिया और उन्होंने बिखरे हुए सरदारों और सेना का पुनर्गठन किया और प्रत्यक्ष युद्ध को छोड़कर अरावली की पहाड़ियों में छिपकर छापामार युद्ध करने लगे और मुगल सेना को हराने लगे। महाराणा प्रताप का अकबर से प्रसिद्ध युद्ध हल्दी घाटी में हुआ। राणा ने मुगल सैनिकों के छक्के छुड़ा दिए किंतु मुगल सेना को विशाल सैन्यशक्ति का लाभ मिला। राणा प्राणा प्रताप घायल हो गए और उनके साथी सरदार झाला ने राणा का मुकुट स्वयं पहन लिया और राणा से मैदान से हट जाने को कहा और स्वयं प्राणों का बलिदान कर दिया। राणा प्रताप अपने प्रिय घोड़े चेतक पर चढ़कर युद्ध क्षेत्र से सुरक्षित निकल गए किंतु शक्ति सिंह उनका पीछा कर रहा था। अंततः चेतक भी गिर गया और मर गया। राणा की इस अवस्था पर शक्ति सिहं का हृदय बदल गया उसने राणा की सहायता कर अपने आचरण पर पश्चाताप किया। महाराणा प्रताप निरंतर 25 वर्षों तक मुगलों से संघर्ष करते रहे। उनका प्रण था कि जब तक मातृभूमि को स्वतंत्र नहीं कर लूंगा, तब तक पत्तल पर भोजन करूंगा और जमीन पर सोऊँगा। आज देशवासी उन्हें स्वतंत्रता के रक्षक के रूप में पूजते हैं, नमन करते हैं।
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