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Question 1
Question 2
I. Climate variations influences the infant’s health.
II. Socio economic status of the family can also influence the infant’s health.
Which of the following statements is true?
Question 3
Question 4
I was angry with my friend;
I told my wrath, my wrath did end.
I was angry with my foe:
I told it not, my wrath did grow.
And I water’d it in fears,
Night and morning with my tears:
And I sunned it with smiles,
And with soft deceitful wiles
And it grew both day and night,
Till it bore an apple bright.
And my foe beheld it shine,
And he knew that it was mine.
And into my garden stole,
When the night had veiled the pole;
In the morning glad I see,
My foe outstretched beneath the tree.
Answer the following questions.
What is the synonym of the word ‘wrath’?
Question 5
I was angry with my friend;
I told my wrath, my wrath did end.
I was angry with my foe:
I told it not, my wrath did grow.
And I water’d it in fears,
Night and morning with my tears:
And I sunned it with smiles,
And with soft deceitful wiles
And it grew both day and night,
Till it bore an apple bright.
And my foe beheld it shine,
And he knew that it was mine.
And into my garden stole,
When the night had veiled the pole;
In the morning glad I see,
My foe outstretched beneath the tree.
Answer the following questions.
Question 6
I was angry with my friend;
I told my wrath, my wrath did end.
I was angry with my foe:
I told it not, my wrath did grow.
And I water’d it in fears,
Night and morning with my tears:
And I sunned it with smiles,
And with soft deceitful wiles
And it grew both day and night,
Till it bore an apple bright.
And my foe beheld it shine,
And he knew that it was mine.
And into my garden stole,
When the night had veiled the pole;
In the morning glad I see,
My foe outstretched beneath the tree.
Answer the following questions.
Question 7
भारत में कई धर्मों एवं जातियों के लोग रहते हैं, जिनके रहन सहन एवं आस्था में अंतर तो है ही उनकी भाषाएं भी अलग-अलग है। सबके बावजूद पूरे भारतवर्ष के लोग भारतीयता कि जिस भावना से ओतप्रोत रहते हैं उसे राष्ट्रीय एकता का विश्व भर में सर्वोत्तम उदाहरण कहा जा सकता है। इसी भावना का परिणाम है कि जब कभी भी हमारी एकता को खंडित करने का प्रयास किया जाता है भारत का एक-एक नागरिक सजक होकर ऐसी असामाजिक शक्तियों के विरुद्ध दिखाई पड़ता है। राष्ट्रीयता के लिए भौगोलिक सीमाएं, राजनीतिक चेतना और सांस्कृतिक एकता अनिवार्य होती है। यद्यपि प्राचीन काल में हमारी भौगोलिक सीमाएं इतनी व्यापक नहीं थी और यहां अनेक राज्य स्थापित थे तथापि हमारी संस्कृति और धार्मिक चेतना एक थी।कन्याकुमारी से हिमालय तक और असम से सिंध तक भारत की संस्कृति और धर्म एक थे। यही एकात्मकता हमारी राष्ट्रीय एकता की नींव थी। भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में अपनी अपनी अलग परंपरा थी, रीति रिवाज, आस्थाऐं थी किंतु समूचा भारत एक सांस्कृतिक सूत्र में आबद्ध था। इसी को अनेकता में एकता एवं विविधता में एकता कहा जाता है जो पूरी दुनिया में हमारी अलग अलग पहचान स्थापित कर हमारे गौरव को बढ़ाता है।
राष्ट्र की आंतरिक शांति तथा सुव्यवस्था और बाहरी दुश्मनों से रक्षा के लिए राष्ट्रीय एकता एक परम आवश्यक है। यदि हम भारतवासी किसी कारणवश छिन्न-भिन्न हो गए तो हमारी पारस्परिक फूट को देखकर अन्य देश हमारी स्वतंत्रता को हड़पने का प्रयास करेंगे। इसी प्रकार अपनी स्वतंत्रता की रक्षा एवं राष्ट्र की उन्नति के लिए भी राष्ट्रीय एकता परम आवश्यक है।
प्राचीन काल में समूचा भारत एक ही सांस्कृतिक सूत्र में आबद्ध था, किंतु आंतरिक दुर्बलता के कारण विदेशी शक्तियों ने हम पर आधिपत्य स्थापित कर लिया। इन विदेशी शक्तियों ने हमारी सभ्यता और संस्कृति को नष्ट करना शुरू किया जिससे हमारी आस्था एवं धार्मिक मूल्यों का धीरे-धीरे हनन होने लगा लगभग। 1000 वर्षों की परतंत्रता के बाद अनेक संघर्षों व बलिदानों के फलस्वरूप हमें स्वाधीनता प्राप्त हुई। स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद हमारी एकता सुदृढ़ हुई परंतु हम देख रहे हैं कि सांप्रदायिकता, क्षेत्रीयता, जातीयता, अज्ञानता और भाषागत अनेकता ने पूरे देश को आक्रांत कर रखा है।
राष्ट्रीय एकता का विश्व भर में सर्वोत्तम उदाहरण किसे कहा जाता है।
Question 8
भारत में कई धर्मों एवं जातियों के लोग रहते हैं, जिनके रहन सहन एवं आस्था में अंतर तो है ही उनकी भाषाएं भी अलग-अलग है। सबके बावजूद पूरे भारतवर्ष के लोग भारतीयता कि जिस भावना से ओतप्रोत रहते हैं उसे राष्ट्रीय एकता का विश्व भर में सर्वोत्तम उदाहरण कहा जा सकता है। इसी भावना का परिणाम है कि जब कभी भी हमारी एकता को खंडित करने का प्रयास किया जाता है भारत का एक-एक नागरिक सजक होकर ऐसी असामाजिक शक्तियों के विरुद्ध दिखाई पड़ता है। राष्ट्रीयता के लिए भौगोलिक सीमाएं, राजनीतिक चेतना और सांस्कृतिक एकता अनिवार्य होती है। यद्यपि प्राचीन काल में हमारी भौगोलिक सीमाएं इतनी व्यापक नहीं थी और यहां अनेक राज्य स्थापित थे तथापि हमारी संस्कृति और धार्मिक चेतना एक थी।कन्याकुमारी से हिमालय तक और असम से सिंध तक भारत की संस्कृति और धर्म एक थे। यही एकात्मकता हमारी राष्ट्रीय एकता की नींव थी। भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में अपनी अपनी अलग परंपरा थी, रीति रिवाज, आस्थाऐं थी किंतु समूचा भारत एक सांस्कृतिक सूत्र में आबद्ध था। इसी को अनेकता में एकता एवं विविधता में एकता कहा जाता है जो पूरी दुनिया में हमारी अलग अलग पहचान स्थापित कर हमारे गौरव को बढ़ाता है।
राष्ट्र की आंतरिक शांति तथा सुव्यवस्था और बाहरी दुश्मनों से रक्षा के लिए राष्ट्रीय एकता एक परम आवश्यक है। यदि हम भारतवासी किसी कारणवश छिन्न-भिन्न हो गए तो हमारी पारस्परिक फूट को देखकर अन्य देश हमारी स्वतंत्रता को हड़पने का प्रयास करेंगे। इसी प्रकार अपनी स्वतंत्रता की रक्षा एवं राष्ट्र की उन्नति के लिए भी राष्ट्रीय एकता परम आवश्यक है।
प्राचीन काल में समूचा भारत एक ही सांस्कृतिक सूत्र में आबद्ध था, किंतु आंतरिक दुर्बलता के कारण विदेशी शक्तियों ने हम पर आधिपत्य स्थापित कर लिया। इन विदेशी शक्तियों ने हमारी सभ्यता और संस्कृति को नष्ट करना शुरू किया जिससे हमारी आस्था एवं धार्मिक मूल्यों का धीरे-धीरे हनन होने लगा लगभग। 1000 वर्षों की परतंत्रता के बाद अनेक संघर्षों व बलिदानों के फलस्वरूप हमें स्वाधीनता प्राप्त हुई। स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद हमारी एकता सुदृढ़ हुई परंतु हम देख रहे हैं कि सांप्रदायिकता, क्षेत्रीयता, जातीयता, अज्ञानता और भाषागत अनेकता ने पूरे देश को आक्रांत कर रखा है।
Question 9
भारत में कई धर्मों एवं जातियों के लोग रहते हैं, जिनके रहन सहन एवं आस्था में अंतर तो है ही उनकी भाषाएं भी अलग-अलग है। सबके बावजूद पूरे भारतवर्ष के लोग भारतीयता कि जिस भावना से ओतप्रोत रहते हैं उसे राष्ट्रीय एकता का विश्व भर में सर्वोत्तम उदाहरण कहा जा सकता है। इसी भावना का परिणाम है कि जब कभी भी हमारी एकता को खंडित करने का प्रयास किया जाता है भारत का एक-एक नागरिक सजक होकर ऐसी असामाजिक शक्तियों के विरुद्ध दिखाई पड़ता है। राष्ट्रीयता के लिए भौगोलिक सीमाएं, राजनीतिक चेतना और सांस्कृतिक एकता अनिवार्य होती है। यद्यपि प्राचीन काल में हमारी भौगोलिक सीमाएं इतनी व्यापक नहीं थी और यहां अनेक राज्य स्थापित थे तथापि हमारी संस्कृति और धार्मिक चेतना एक थी।कन्याकुमारी से हिमालय तक और असम से सिंध तक भारत की संस्कृति और धर्म एक थे। यही एकात्मकता हमारी राष्ट्रीय एकता की नींव थी। भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में अपनी अपनी अलग परंपरा थी, रीति रिवाज, आस्थाऐं थी किंतु समूचा भारत एक सांस्कृतिक सूत्र में आबद्ध था। इसी को अनेकता में एकता एवं विविधता में एकता कहा जाता है जो पूरी दुनिया में हमारी अलग अलग पहचान स्थापित कर हमारे गौरव को बढ़ाता है।
राष्ट्र की आंतरिक शांति तथा सुव्यवस्था और बाहरी दुश्मनों से रक्षा के लिए राष्ट्रीय एकता एक परम आवश्यक है। यदि हम भारतवासी किसी कारणवश छिन्न-भिन्न हो गए तो हमारी पारस्परिक फूट को देखकर अन्य देश हमारी स्वतंत्रता को हड़पने का प्रयास करेंगे। इसी प्रकार अपनी स्वतंत्रता की रक्षा एवं राष्ट्र की उन्नति के लिए भी राष्ट्रीय एकता परम आवश्यक है।
प्राचीन काल में समूचा भारत एक ही सांस्कृतिक सूत्र में आबद्ध था, किंतु आंतरिक दुर्बलता के कारण विदेशी शक्तियों ने हम पर आधिपत्य स्थापित कर लिया। इन विदेशी शक्तियों ने हमारी सभ्यता और संस्कृति को नष्ट करना शुरू किया जिससे हमारी आस्था एवं धार्मिक मूल्यों का धीरे-धीरे हनन होने लगा लगभग। 1000 वर्षों की परतंत्रता के बाद अनेक संघर्षों व बलिदानों के फलस्वरूप हमें स्वाधीनता प्राप्त हुई। स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद हमारी एकता सुदृढ़ हुई परंतु हम देख रहे हैं कि सांप्रदायिकता, क्षेत्रीयता, जातीयता, अज्ञानता और भाषागत अनेकता ने पूरे देश को आक्रांत कर रखा है।
Question 10
Question 11
38 – [18 – {6 – (6 – 4 − 1)}]
Question 12
Question 13
Question 14
Question 15
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CTET & State TET Exams