Time Left - 07:00 mins

गद्यांश पर हिंदी भाषा का क्विज:24.09.2020

Attempt now to get your rank among 2999 students!

Question 1

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों  के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए :

हमारे देश में एक ऐसा भी युग था जब नैतिक और आध्यात्मिक विकास ही जीवन का वास्तविक लक्ष्य माना जाता थाl अहिंसा की भावना सर्वोपरि थीl आज पूरा जीवन - दर्शन ही बदल गया हैl सर्वत्र पैसे की हाय-हाय तथा धन का उपार्जन ही मुख्य हो गया है, भले ही धन- उपार्जन के तरी के गलत ही क्यों न होंl इन सब का असर मनुष्य के प्रतिदिन के जीवन पर पड़ रहा हैl समाज का वातावरण दूषित हो गया हैl इन सब के कारण मानसिक और शारीरिक तनाव - खिंचाव और व्याधियाँ पैदा हो रही हैंl

आज आदमी धन के पीछे अंधाधुंध दौड़ रहा हैl पाँच रुपये मिलने पर दस,दस मिलने पर सौ और सौ मिलने पर हज़ार की लालसा लिए वह इस अंधी दौड़ में शामिल हैl इस दौड़ का कोई अंत नहींl धन की इस दौड़ में सभी पारिवारिक और मानवीय संबंध पीछे छूट गएl व्यक्ति सत्य-असत्य, उचित-अनुचित, न्याय-अन्याय और अपने- पराए के भेद-भाव को भूल गयाl उसके पास अपनी पत्नी और संतान के लिए भी समय नहींl धन के लिए पुत्र का पिता के साथ, बेटी का माँ के साथ और पति का पत्नी के साथ झगड़ा हो रहा हैl भाई - भाई के खून का प्यासा हैl धन की लालसा व्यक्ति को जघन्य से जघन्य कार्य करने के लिए उकसा रही हैl इस लालसा का ही परिणाम है कि जगह - जगह हत्या, लूट, अपहरण और चोरी - डकैती की घटनाएँ बढ़ रही हैंl इस रोगी मनोवृत्ति को बदलने के लिए हमें हर स्तर पर प्रयत्न करने होंगेl

‘धन उपार्जन’ में संधि करने पर शब्द बनेगा

Question 2

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों  के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए :

हमारे देश में एक ऐसा भी युग था जब नैतिक और आध्यात्मिक विकास ही जीवन का वास्तविक लक्ष्य माना जाता थाl अहिंसा की भावना सर्वोपरि थीl आज पूरा जीवन - दर्शन ही बदल गया हैl सर्वत्र पैसे की हाय-हाय तथा धन का उपार्जन ही मुख्य हो गया है, भले ही धन- उपार्जन के तरी के गलत ही क्यों न होंl इन सब का असर मनुष्य के प्रतिदिन के जीवन पर पड़ रहा हैl समाज का वातावरण दूषित हो गया हैl इन सब के कारण मानसिक और शारीरिक तनाव - खिंचाव और व्याधियाँ पैदा हो रही हैंl

आज आदमी धन के पीछे अंधाधुंध दौड़ रहा हैl पाँच रुपये मिलने पर दस,दस मिलने पर सौ और सौ मिलने पर हज़ार की लालसा लिए वह इस अंधी दौड़ में शामिल हैl इस दौड़ का कोई अंत नहींl धन की इस दौड़ में सभी पारिवारिक और मानवीय संबंध पीछे छूट गएl व्यक्ति सत्य-असत्य, उचित-अनुचित, न्याय-अन्याय और अपने- पराए के भेद-भाव को भूल गयाl उसके पास अपनी पत्नी और संतान के लिए भी समय नहींl धन के लिए पुत्र का पिता के साथ, बेटी का माँ के साथ और पति का पत्नी के साथ झगड़ा हो रहा हैl भाई - भाई के खून का प्यासा हैl धन की लालसा व्यक्ति को जघन्य से जघन्य कार्य करने के लिए उकसा रही हैl इस लालसा का ही परिणाम है कि जगह - जगह हत्या, लूट, अपहरण और चोरी - डकैती की घटनाएँ बढ़ रही हैंl इस रोगी मनोवृत्ति को बदलने के लिए हमें हर स्तर पर प्रयत्न करने होंगेl

‘आज पूरा जीवन - दर्शन बदल गया हैl’

उक्त कथन का आशय है_________

Question 3

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों  के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए :

हमारे देश में एक ऐसा भी युग था जब नैतिक और आध्यात्मिक विकास ही जीवन का वास्तविक लक्ष्य माना जाता थाl अहिंसा की भावना सर्वोपरि थीl आज पूरा जीवन - दर्शन ही बदल गया हैl सर्वत्र पैसे की हाय-हाय तथा धन का उपार्जन ही मुख्य हो गया है, भले ही धन- उपार्जन के तरी के गलत ही क्यों न होंl इन सब का असर मनुष्य के प्रतिदिन के जीवन पर पड़ रहा हैl समाज का वातावरण दूषित हो गया हैl इन सब के कारण मानसिक और शारीरिक तनाव - खिंचाव और व्याधियाँ पैदा हो रही हैंl

आज आदमी धन के पीछे अंधाधुंध दौड़ रहा हैl पाँच रुपये मिलने पर दस,दस मिलने पर सौ और सौ मिलने पर हज़ार की लालसा लिए वह इस अंधी दौड़ में शामिल हैl इस दौड़ का कोई अंत नहींl धन की इस दौड़ में सभी पारिवारिक और मानवीय संबंध पीछे छूट गएl व्यक्ति सत्य-असत्य, उचित-अनुचित, न्याय-अन्याय और अपने- पराए के भेद-भाव को भूल गयाl उसके पास अपनी पत्नी और संतान के लिए भी समय नहींl धन के लिए पुत्र का पिता के साथ, बेटी का माँ के साथ और पति का पत्नी के साथ झगड़ा हो रहा हैl भाई - भाई के खून का प्यासा हैl धन की लालसा व्यक्ति को जघन्य से जघन्य कार्य करने के लिए उकसा रही हैl इस लालसा का ही परिणाम है कि जगह - जगह हत्या, लूट, अपहरण और चोरी - डकैती की घटनाएँ बढ़ रही हैंl इस रोगी मनोवृत्ति को बदलने के लिए हमें हर स्तर पर प्रयत्न करने होंगेl

प्राचीन काल में जीवन का वास्तविक लक्ष्य क्या माना गया था?

Question 4

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों  के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए :

हमारे देश में एक ऐसा भी युग था जब नैतिक और आध्यात्मिक विकास ही जीवन का वास्तविक लक्ष्य माना जाता थाl अहिंसा की भावना सर्वोपरि थीl आज पूरा जीवन - दर्शन ही बदल गया हैl सर्वत्र पैसे की हाय-हाय तथा धन का उपार्जन ही मुख्य हो गया है, भले ही धन- उपार्जन के तरी के गलत ही क्यों न होंl इन सब का असर मनुष्य के प्रतिदिन के जीवन पर पड़ रहा हैl समाज का वातावरण दूषित हो गया हैl इन सब के कारण मानसिक और शारीरिक तनाव - खिंचाव और व्याधियाँ पैदा हो रही हैंl

आज आदमी धन के पीछे अंधाधुंध दौड़ रहा हैl पाँच रुपये मिलने पर दस,दस मिलने पर सौ और सौ मिलने पर हज़ार की लालसा लिए वह इस अंधी दौड़ में शामिल हैl इस दौड़ का कोई अंत नहींl धन की इस दौड़ में सभी पारिवारिक और मानवीय संबंध पीछे छूट गएl व्यक्ति सत्य-असत्य, उचित-अनुचित, न्याय-अन्याय और अपने- पराए के भेद-भाव को भूल गयाl उसके पास अपनी पत्नी और संतान के लिए भी समय नहींl धन के लिए पुत्र का पिता के साथ, बेटी का माँ के साथ और पति का पत्नी के साथ झगड़ा हो रहा हैl भाई - भाई के खून का प्यासा हैl धन की लालसा व्यक्ति को जघन्य से जघन्य कार्य करने के लिए उकसा रही हैl इस लालसा का ही परिणाम है कि जगह - जगह हत्या, लूट, अपहरण और चोरी - डकैती की घटनाएँ बढ़ रही हैंl इस रोगी मनोवृत्ति को बदलने के लिए हमें हर स्तर पर प्रयत्न करने होंगेl

‘जघन्य’ शब्द का अर्थ नहीं है -

Question 5

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों  के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए :

हमारे देश में एक ऐसा भी युग था जब नैतिक और आध्यात्मिक विकास ही जीवन का वास्तविक लक्ष्य माना जाता थाl अहिंसा की भावना सर्वोपरि थीl आज पूरा जीवन - दर्शन ही बदल गया हैl सर्वत्र पैसे की हाय-हाय तथा धन का उपार्जन ही मुख्य हो गया है, भले ही धन- उपार्जन के तरी के गलत ही क्यों न होंl इन सब का असर मनुष्य के प्रतिदिन के जीवन पर पड़ रहा हैl समाज का वातावरण दूषित हो गया हैl इन सब के कारण मानसिक और शारीरिक तनाव - खिंचाव और व्याधियाँ पैदा हो रही हैंl

आज आदमी धन के पीछे अंधाधुंध दौड़ रहा हैl पाँच रुपये मिलने पर दस,दस मिलने पर सौ और सौ मिलने पर हज़ार की लालसा लिए वह इस अंधी दौड़ में शामिल हैl इस दौड़ का कोई अंत नहींl धन की इस दौड़ में सभी पारिवारिक और मानवीय संबंध पीछे छूट गएl व्यक्ति सत्य-असत्य, उचित-अनुचित, न्याय-अन्याय और अपने- पराए के भेद-भाव को भूल गयाl उसके पास अपनी पत्नी और संतान के लिए भी समय नहींl धन के लिए पुत्र का पिता के साथ, बेटी का माँ के साथ और पति का पत्नी के साथ झगड़ा हो रहा हैl भाई - भाई के खून का प्यासा हैl धन की लालसा व्यक्ति को जघन्य से जघन्य कार्य करने के लिए उकसा रही हैl इस लालसा का ही परिणाम है कि जगह - जगह हत्या, लूट, अपहरण और चोरी - डकैती की घटनाएँ बढ़ रही हैंl इस रोगी मनोवृत्ति को बदलने के लिए हमें हर स्तर पर प्रयत्न करने होंगेl

हमारे मानवीय संबंध पीछे छूटने का कारण है-

Question 6

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों  के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए :

हमारे देश में एक ऐसा भी युग था जब नैतिक और आध्यात्मिक विकास ही जीवन का वास्तविक लक्ष्य माना जाता थाl अहिंसा की भावना सर्वोपरि थीl आज पूरा जीवन - दर्शन ही बदल गया हैl सर्वत्र पैसे की हाय-हाय तथा धन का उपार्जन ही मुख्य हो गया है, भले ही धन- उपार्जन के तरी के गलत ही क्यों न होंl इन सब का असर मनुष्य के प्रतिदिन के जीवन पर पड़ रहा हैl समाज का वातावरण दूषित हो गया हैl इन सब के कारण मानसिक और शारीरिक तनाव - खिंचाव और व्याधियाँ पैदा हो रही हैंl

आज आदमी धन के पीछे अंधाधुंध दौड़ रहा हैl पाँच रुपये मिलने पर दस,दस मिलने पर सौ और सौ मिलने पर हज़ार की लालसा लिए वह इस अंधी दौड़ में शामिल हैl इस दौड़ का कोई अंत नहींl धन की इस दौड़ में सभी पारिवारिक और मानवीय संबंध पीछे छूट गएl व्यक्ति सत्य-असत्य, उचित-अनुचित, न्याय-अन्याय और अपने- पराए के भेद-भाव को भूल गयाl उसके पास अपनी पत्नी और संतान के लिए भी समय नहींl धन के लिए पुत्र का पिता के साथ, बेटी का माँ के साथ और पति का पत्नी के साथ झगड़ा हो रहा हैl भाई - भाई के खून का प्यासा हैl धन की लालसा व्यक्ति को जघन्य से जघन्य कार्य करने के लिए उकसा रही हैl इस लालसा का ही परिणाम है कि जगह - जगह हत्या, लूट, अपहरण और चोरी - डकैती की घटनाएँ बढ़ रही हैंl इस रोगी मनोवृत्ति को बदलने के लिए हमें हर स्तर पर प्रयत्न करने होंगेl

मानसिक तनाव की व्याधियों का कारण लेखक ने क्या माना है?

Question 7

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों  के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए :

हमारे देश में एक ऐसा भी युग था जब नैतिक और आध्यात्मिक विकास ही जीवन का वास्तविक लक्ष्य माना जाता थाl अहिंसा की भावना सर्वोपरि थीl आज पूरा जीवन - दर्शन ही बदल गया हैl सर्वत्र पैसे की हाय-हाय तथा धन का उपार्जन ही मुख्य हो गया है, भले ही धन- उपार्जन के तरी के गलत ही क्यों न होंl इन सब का असर मनुष्य के प्रतिदिन के जीवन पर पड़ रहा हैl समाज का वातावरण दूषित हो गया हैl इन सब के कारण मानसिक और शारीरिक तनाव - खिंचाव और व्याधियाँ पैदा हो रही हैंl

आज आदमी धन के पीछे अंधाधुंध दौड़ रहा हैl पाँच रुपये मिलने पर दस,दस मिलने पर सौ और सौ मिलने पर हज़ार की लालसा लिए वह इस अंधी दौड़ में शामिल हैl इस दौड़ का कोई अंत नहींl धन की इस दौड़ में सभी पारिवारिक और मानवीय संबंध पीछे छूट गएl व्यक्ति सत्य-असत्य, उचित-अनुचित, न्याय-अन्याय और अपने- पराए के भेद-भाव को भूल गयाl उसके पास अपनी पत्नी और संतान के लिए भी समय नहींl धन के लिए पुत्र का पिता के साथ, बेटी का माँ के साथ और पति का पत्नी के साथ झगड़ा हो रहा हैl भाई - भाई के खून का प्यासा हैl धन की लालसा व्यक्ति को जघन्य से जघन्य कार्य करने के लिए उकसा रही हैl इस लालसा का ही परिणाम है कि जगह - जगह हत्या, लूट, अपहरण और चोरी - डकैती की घटनाएँ बढ़ रही हैंl इस रोगी मनोवृत्ति को बदलने के लिए हमें हर स्तर पर प्रयत्न करने होंगेl

उस शब्द युग्म को पहचानिए जो शेष से भिन्न हो:

Question 8

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों  के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए :

हमारे देश में एक ऐसा भी युग था जब नैतिक और आध्यात्मिक विकास ही जीवन का वास्तविक लक्ष्य माना जाता थाl अहिंसा की भावना सर्वोपरि थीl आज पूरा जीवन - दर्शन ही बदल गया हैl सर्वत्र पैसे की हाय-हाय तथा धन का उपार्जन ही मुख्य हो गया है, भले ही धन- उपार्जन के तरी के गलत ही क्यों न होंl इन सब का असर मनुष्य के प्रतिदिन के जीवन पर पड़ रहा हैl समाज का वातावरण दूषित हो गया हैl इन सब के कारण मानसिक और शारीरिक तनाव - खिंचाव और व्याधियाँ पैदा हो रही हैंl

आज आदमी धन के पीछे अंधाधुंध दौड़ रहा हैl पाँच रुपये मिलने पर दस,दस मिलने पर सौ और सौ मिलने पर हज़ार की लालसा लिए वह इस अंधी दौड़ में शामिल हैl इस दौड़ का कोई अंत नहींl धन की इस दौड़ में सभी पारिवारिक और मानवीय संबंध पीछे छूट गएl व्यक्ति सत्य-असत्य, उचित-अनुचित, न्याय-अन्याय और अपने- पराए के भेद-भाव को भूल गयाl उसके पास अपनी पत्नी और संतान के लिए भी समय नहींl धन के लिए पुत्र का पिता के साथ, बेटी का माँ के साथ और पति का पत्नी के साथ झगड़ा हो रहा हैl भाई - भाई के खून का प्यासा हैl धन की लालसा व्यक्ति को जघन्य से जघन्य कार्य करने के लिए उकसा रही हैl इस लालसा का ही परिणाम है कि जगह - जगह हत्या, लूट, अपहरण और चोरी - डकैती की घटनाएँ बढ़ रही हैंl इस रोगी मनोवृत्ति को बदलने के लिए हमें हर स्तर पर प्रयत्न करने होंगेl

किस दौड़ को अंतहीन माना गया है?
  • 2999 attempts
  • 25 upvotes
  • 205 comments
Sep 24CTET & State TET Exams