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पद्यांश पर हिंदी भाषा का क्विज: 09.10.2020

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Question 1

निर्देश:- कविता की पंक्तियाँ पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए-

जग-जीवन में जो चिर महान,
सौंदर्य पूर्ण औ सत्य-प्राण,
मैं उसका प्रेमी बनूँ , नाथ !
जिससे मानव-हित हो समान !
जिससे जीवन में मिले शक्ति, 
छूटे भय, संशय, अन्ध-भक्ति,
मैं वह प्रकाश बन सकूँ नाथ !
मिट जावें जिसमें अखिल व्यक्ति !
-सुमित्रानन्दन पन्त
कवि ने ‘चिर महान’ किसे कहा है?

Question 2

निर्देश:- कविता की पंक्तियाँ पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए-

जग-जीवन में जो चिर महान,
सौंदर्य पूर्ण औ सत्य-प्राण,
मैं उसका प्रेमी बनूँ , नाथ !
जिससे मानव-हित हो समान !
जिससे जीवन में मिले शक्ति, 
छूटे भय, संशय, अन्ध-भक्ति,
मैं वह प्रकाश बन सकूँ नाथ !
मिट जावें जिसमें अखिल व्यक्ति !
-सुमित्रानन्दन पन्त
कवि कैसा प्रकाश बनाना चाहता है?

Question 3

निर्देश:- कविता की पंक्तियाँ पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए-

जग-जीवन में जो चिर महान,
सौंदर्य पूर्ण औ सत्य-प्राण,
मैं उसका प्रेमी बनूँ , नाथ !
जिससे मानव-हित हो समान !
जिससे जीवन में मिले शक्ति, 
छूटे भय, संशय, अन्ध-भक्ति,
मैं वह प्रकाश बन सकूँ नाथ !
मिट जावें जिसमें अखिल व्यक्ति !
-सुमित्रानन्दन पन्त
कवि ने ‘अखिल व्यक्ति’ का प्रयोग क्यों किया है ?

Question 4

निर्देश:- कविता की पंक्तियाँ पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए-

जग-जीवन में जो चिर महान,
सौंदर्य पूर्ण औ सत्य-प्राण,
मैं उसका प्रेमी बनूँ , नाथ !
जिससे मानव-हित हो समान !
जिससे जीवन में मिले शक्ति, 
छूटे भय, संशय, अन्ध-भक्ति,
मैं वह प्रकाश बन सकूँ नाथ !
मिट जावें जिसमें अखिल व्यक्ति !
-सुमित्रानन्दन पन्त
कविता के किस अंश में तर्कहीन आस्था का उल्लेख हुआ है?

Question 5

निर्देश:- कविता की पंक्तियाँ पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए-

जग-जीवन में जो चिर महान,
सौंदर्य पूर्ण औ सत्य-प्राण,
मैं उसका प्रेमी बनूँ , नाथ !
जिससे मानव-हित हो समान !
जिससे जीवन में मिले शक्ति, 
छूटे भय, संशय, अन्ध-भक्ति,
मैं वह प्रकाश बन सकूँ नाथ !
मिट जावें जिसमें अखिल व्यक्ति !
-सुमित्रानन्दन पन्त
कवि ने कविता की पंक्तियों के अन्त में विस्मयादिबोधक चिन्ह का प्रयोग क्यों किया है ?

Question 6

निर्देश: कविता की पंक्तियाँ पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए ।

है जिसे कुछ भी समझ वह और की,
राह में काँटा कभी बोता नहीं ।
कर किसी से बे-सबब ऊपर चढ़ी,
आँख पर चढ़ना भला होता नहीं ।।
हैं भले वे ही भलाई के लिए,
रातदिन जिनकी कमर होवे कसी ।
प्यार का जी में पड़ा डेरा रहे,
आँख में सूरत रहे हित की बसी ।।
(अयोध्यासिंह उपाध्यायहरिऔध’)
किस तरह के व्यक्ति दूसरों के काम में बाधा नहीं डालते ?

Question 7

निर्देश: कविता की पंक्तियाँ पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए ।
है जिसे कुछ भी समझ वह और की,
राह में काँटा कभी बोता नहीं ।
कर किसी से बे-सबब ऊपर चढ़ी,
आँख पर चढ़ना भला होता नहीं ।।
हैं भले वे ही भलाई के लिए,
रातदिन जिनकी कमर होवे कसी ।
प्यार का जी में पड़ा डेरा रहे,
आँख में सूरत रहे हित की बसी ।।
(अयोध्यासिंह उपाध्यायहरिऔध’)
किन लोगों की भलाई करनी चाहिए ?

Question 8

निर्देश: कविता की पंक्तियाँ पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए ।
है जिसे कुछ भी समझ वह और की,
राह में काँटा कभी बोता नहीं ।
कर किसी से बे-सबब ऊपर चढ़ी,
आँख पर चढ़ना भला होता नहीं ।।
हैं भले वे ही भलाई के लिए,
रातदिन जिनकी कमर होवे कसी ।
प्यार का जी में पड़ा डेरा रहे,
आँख में सूरत रहे हित की बसी ।।
(अयोध्यासिंह उपाध्यायहरिऔध’)
प्यार का जी में पड़ा डेरा रहेका भाव है

Question 9

निर्देश: कविता की पंक्तियाँ पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए ।
है जिसे कुछ भी समझ वह और की,
राह में काँटा कभी बोता नहीं ।
कर किसी से बे-सबब ऊपर चढ़ी,
आँख पर चढ़ना भला होता नहीं ।।
हैं भले वे ही भलाई के लिए,
रातदिन जिनकी कमर होवे कसी ।
प्यार का जी में पड़ा डेरा रहे,
आँख में सूरत रहे हित की बसी ।।
(अयोध्यासिंह उपाध्यायहरिऔध’)
आँख पर चढ़नाका भाव है।

Question 10

निर्देश: कविता की पंक्तियाँ पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए ।

है जिसे कुछ भी समझ वह और की,
राह में काँटा कभी बोता नहीं ।
कर किसी से बे-सबब ऊपर चढ़ी,
आँख पर चढ़ना भला होता नहीं ।।
हैं भले वे ही भलाई के लिए,
रातदिन जिनकी कमर होवे कसी ।
प्यार का जी में पड़ा डेरा रहे,
आँख में सूरत रहे हित की बसी ।।
(अयोध्यासिंह उपाध्यायहरिऔध’)
बेसबबका अर्थ है
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