Study Notes द्विवेदी युग के निबंध

By Mohit Choudhary|Updated : August 31st, 2022

यूजीसी नेट परीक्षा के पेपर -2 हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण विषयों में से एक है हिंदी निबंध। इसे 4 युगों भारतेन्दु युग, द्विवेदी युग, शुक्ल युग एवं शुक्लोत्तर युग  में बांटा गया है।  इस विषय की की प्रभावी तैयारी के लिए, यहां यूजीसी नेट पेपर- 2 के लिए हिंदी निबंध के आवश्यक नोट्स कई भागों में उपलब्ध कराए जाएंगे। इसमें से द्विवेदी युग के निबंध से सम्बंधित नोट्स इस लेख मे साझा किये जा रहे हैं। जो छात्र UGC NET 2022 की परीक्षा देने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए ये नोट्स प्रभावकारी साबित होंगे।         

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द्विवेदी युग के प्रमुख निबन्धों की समीक्षा 

बालमुकुन्द गुप्त- शिवशम्भू के चिट्ठे 

  • 'शिवशम्भू के चिट्ठे' बालमुकुन्द गुप्त का प्रसिद्ध निबन्ध संग्रह है। 'शिवशम्भू' कल्पित नाम है। इस संग्रह में विदेशी शासन, अंग्रेज़ अधिकारियों द्वारा किया गया भारत विरोधी कार्य, अंग्रेज़ों की भेद नीति, भारतीयों की गुलामी एवं लाचारी पर व्यंग्य मिलता है। 
  • गुप्त जी ने अंग्रेज़ी शासक लॉर्ड कर्जन के शासन काल में भारतीय जनता की दुर्दशा को अपने आठ चिट्ठों में व्यक्त किया है।
  • इन चिट्ठों में देश की राजनीतिक गुलामी और लॉर्ड कर्जन की निर्मम क्रूरताओं को प्रस्तुत किया गया है। अंग्रेज़ों के इस क्रूर प्रशासनिक क्षेत्र की कमजोरियों पर व्यंग्य किया गया है।
  • शिवशम्भू के आठ चिट्ठों के नाम हैं- 'बनाम लॉर्ड कर्जन', 'श्रीमान का स्वागत', 'वैसराय कर्त्तव्य', 'पीछे मत फेंकिए', 'आशा का अन्त', 'एक दुराशा', 'बिदाई-सम्भाषण', 'बंग विच्छेद' ।
  • इन चिट्ठों में सुयोग्य शब्द चयन, कहावतें, मुहावरों का प्रयोग मिलता है। संस्कृतनिष्ठ भाषा और संक्षिप्त वाक्य रचना का सुन्दर तारतम्य है। इनमें 'चिट्ठा शैली तथा कलात्मक शैली' का सुन्दर प्रयोग किया गया है।

अध्यापक पूर्णसिंह - मजदूरी और प्रेम

  • 'मजदूरी और प्रेम' सरदार पूर्णसिंह का एक प्रसिद्ध तथा प्रेरक निबन्ध है। इस निबन्ध में लेखक ने हल चलाने वाले किसान को स्वभाव से साधु, त्यागी तथा तपस्वी बताया है। 'खेत' किसान की यज्ञशाला है तथा वह अपने जीवन को तपाते हुए अपनी मेहनत को ही फसल के रूप में उगाता है। खेती ही उसके ईश्वरीय प्रेम का केन्द्र है। उसका सारा जीवन पत्ते, फूल और फल में बिखरा हुआ हैं तथा खेत की हरियाली ही उसकी वास्तविक खुशी है।
  • लेखक ने खुली प्रकृति में जीवनयापन करते हुए गडरिए के पवित्र जीवन का निरूपण करते हुए लिखा है कि वह किस प्रकार खुले आकाश के नीचे बैठा ऊन कातता रहता है, उसकी भेड़ें चरती रहती हैं तथा उसकी आँखों में प्रेम की लाली छाई रहती है। उसके बच्चे भी शुद्ध हृदय वाले हैं। 
  • लेखक ने मजदूर की मजदूरी का उल्लेख करते हुए स्पष्ट किया है कि मजदूर कठिन परिश्रम करके सारे दिन कार्य करता है, किन्तु उसे उसके परिश्रम के अनुकूल मजदूरी नहीं मिलती।
  • यदि एक विधवा सारी रात बैठकर कमीज सीती है और सीते-सीते थक जाती है, किन्तु पैसे के लोभ से वह कमीज ही नहीं सीती, अपितु कमीज सी कर ही उसे चैन की साँस मिलती है। ऐसा परिश्रम प्रार्थना, संध्या या नमाज से कम नहीं है। मनुष्य के हाथ द्वारा बनी हुई वस्तुओं में निश्चय ही उसकी प्रेममय पवित्र आत्मा निवास करती है। हाथ से किए जाने वाले परिश्रम में एक अद्भुत रस होता है, जीवन रहता है, उसके हृदय का प्रेम रहता है। आभा एवं कान्ति रहती है। 
  • मजदूरी और कला का निरूपण करते हुए लेखक ने मशीनों के प्रयोग की भर्त्सना की है और उसे मजदूर की मजदूरी छीनने वाला बताया है। 
  • लेखक का मानना है कि मशीनें मनुष्य को निकम्मा और अकर्मण्य बना देती हैं, जबकि हाथ से काम करने से वह सदैव परिश्रमी, उद्योगी और पवित्र रहता है। अतः लेखक मशीनों के स्थान पर हाथ से होने वाले काम को महत्त्व देता है।

द्विवेदी युग के अन्य निबंधकार :

  • भारतेन्दु युग में पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से निबन्ध साहित्य की पूर्ण प्रतिष्ठा हो चुकी थी। द्विवेदी युग में व्यक्तिव्यंजक निबन्धों की परम्परा का ह्रास लक्षित होता है। द्विवेदी युग का नामकरण महावीरप्रसाद द्विवेदी जी के नाम पर हुआ। इन्होंने 'सरस्वती' पत्रिका का सम्पादन कार्य वर्ष 1903 में संभाला था।
  • 'सरस्वती' पत्रिका के माध्यम से इन्होंने लेखकों की भाषा को संस्कारित व परिमार्जित किया, जिसका प्रभाव लेखकों पर पड़ा। इनके आदर्श 'बेकन' थे। इन्होंने बेकन के निबन्धों का अनुवाद 'बेकन विचार रत्नावली' के रूप में किया।

द्विवेदी युग के प्रमुख निबंधकार निम्नलिखित हैं- 

  1. महावीरप्रसाद द्विवेदी
  2. माधवप्रसाद मिश्र 
  3. चंद्रधर शर्मा गुलेरी 
  4. गोविन्द नारायण  मिश्र 
  5. पं. पद्मसिंह शर्मा 
  6. अध्यापक पूर्णसिंह  
  7. बालमुकुंद गुप्त 

हमें आशा है कि आप सभी UGC NET परीक्षा 2022 के लिए पेपर -2 हिंदी, 'द्विवेदी युग के निबंध' से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु समझ गए होंगे। 

Thank you

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