राजस्थान के लोक देवता सीरीज: पाबूजी, राजस्थान GK

By Trupti Thool|Updated : March 25th, 2022

हेलो Students,

हम लेकर आये है राजस्थान GK की एक नयी सीरीज, आप इसमें लोक देवता पढेंगे। इसमें राजस्थान के लोक देवताओं के बारे में सारी जानकारी दी जाएगी। लोक देवता एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसमें से हर प्रश्न पत्र में 5 से 10 प्रश्न तक पूछे जाते हैं । यह सीरीज पूर्णत हिंदी में प्रदान की जाएगी। आप इसे पढ़े और comment में फीडबैक जरुर दें अच्छी लगे तोह Upvote जरुर दें। 

हम लेकर आये है राजस्थान GK की एक नयी सीरीज, आप इसमें लोक देवता पढेंगे। इसमें राजस्थान के लोक देवताओं के बारे में सारी जानकारी दी जाएगी। लोक देवता एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसमें से हर प्रश्न पत्र में 5 से 10 प्रश्न तक पूछे जाते हैं । यह सीरीज पूर्णत हिंदी में प्रदान की जाएगी। आप इसे पढ़े और comment में फीडबैक जरुर दें अच्छी लगे तोह Upvote जरुर दें।

आज का विषय है पाबूजी।byjusexamprep

राजस्थान के लोकदेवता

मारवाड़ के पंच पीर –

पंच पीरों के बारे में उक्त कथन प्रचलित है-

“पाबू, हड़बू, रामदे, मांगलिया मेहा।
 पाँचों पीर पधारजो गोगाजी गेहा।।“

गोगाजी , पाबूजी , हड़बूजी , रामदेव जी  ,मेहा जी।

पाबूजी राठौड़ :

  • जन्म स्थान-कोलुमण्ड गाँव (फलोदी, जोधपुर)।
  • पिता-धाँधल जी राठौड़।
  • माता-कमलादे।
  • पत्नी-फूलमदे/सुपियार (अमरकोट राजा की पुत्री )।
  • पाबूजी की घोड़ी -केसर कालमी
  • देवलचारणी की गायों को जींदराव खींची से छुड़ाते हुए पाबूजी वीर गति को प्राप्त हुए, पाबूजी की पत्नी उनके वस्त्रों के साथ सती हुई ।
  • पाबूजी के भतीजे व बूड़ोजी के पुत्र रूपनाथ जी ने जींदराव खींची को मारकर अपने पिता व चाचा की मृत्यु का बदला लिया।
  • रूपनाथ जी को बालकनाथ नाम से भी जाना जाता है।
  • पाबूजी को ‘लक्ष्मण का अवतार‘ माना जाता है।
  • हरमल व चाँदा डेमा पाबूजी के रक्षक थे।
  • पाबूजी ‘ऊँटों के देवता‘, ‘गौरक्षक देवता‘ तथा ‘प्लेग रक्षक देवता‘ के रूप में प्रसिद्ध हैं।
  • मारवाड़ में ऊँट लाने का श्रेय पाबूजी को जाता है।
  • राईका/रेबारी/देवासी अपने आराध्य देव पाबूजी को मानते है
  • पाबूजी की फड़ नायक जाति के भील भोपे द्वारा रावण हत्था वाद्य यंत्र के साथ बाँची जाती है।
  • सर्वाधिक फड़ें तथा सर्वाधिक लोकप्रिय/प्रसिद्ध फड़ पाबूजी की फड़ है।
  • पाबू प्रकाश के रचयिता- आशिया मोडजी
  • मेला :  माघ शुक्ला दशमी तथा भाद्रपद शुक्ला दशमी को कोलुमण्ड गाँव (फलोदी, जोधपुर) में
  • पाबूजी के पवाड़े/पावड़े (गाथा गीत) प्रसिद्ध है, जो माठ वाद्य यंत्र के साथ गाये जाते हैं।

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