हम लेकर आये है राजस्थान GK की एक नयी सीरीज, आप इसमें लोक देवता पढेंगे। इसमें राजस्थान के लोक देवताओं के बारे में सारी जानकारी दी जाएगी। लोक देवता एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसमें से हर प्रश्न पत्र में 5 से 10 प्रश्न तक पूछे जाते हैं । यह सीरीज पूर्णत हिंदी में प्रदान की जाएगी। आप इसे पढ़े और comment में फीडबैक जरुर दें अच्छी लगे तोह Upvote जरुर दें।
आज के लोक देवता है: तेजाजी।
राजस्थान के लोकदेवता
मारवाड़ के पंच पीर –
पंच पीरों के बारे में उक्त कथन प्रचलित है-
“पाबू, हड़बू, रामदे, मांगलिया मेहा।
पाँचों पीर पधारजो गोगाजी गेहा।।“
गोगाजी , पाबूजी , हड़बूजी , रामदेव जी ,मेहा जी।
तेजाजी:
- जन्म - 1074 ई., खड़नाल/खरनाल (नागौर) में।
- पिता का नाम-ताहड़जी जाट,
- माता का नाम-रामकुंवरी
- पत्नी-पेमलदे (पनेर के रायचन्द्र की पुत्री थी।)।
- तेजाजी अपनी पत्नी को लाने अपने ससुराल पनेर अजमेर जा रहे थे तब सुरसुरा नामक स्थान पर लाछा गुजरी महिला की गाय बचाते हुए घायल हुए तथा जीभ पर साँप काटने से तेजाजी की मृत्यु हो जाती है तथा उनकी पत्नी सती होती है
- घोड़ी का नाम-‘लीलण‘।
- तेजाजी के पुजारी को घोड़ला कहते हैं।
- काला और बाला के देवता भी कहते हैं |
- कृषि कार्य़ों के उपकारक देवता भी कहते हैं |
- गौरक्षक देवता के रूप में पूजनीय।
- अजमेर व नागौर में विशेष पूजनीय।
- प्रतिवर्ष तेजादशमी (भाद्रपद शुक्ला दशमी) को परबतसर (नागौर) में भव्य पशु मेला भरता है |
- आय की दृष्टि से राजस्थान का सबसे बड़ा पशु मेला है।
- सेंदरिया, ब्यावर, भावतां, सुरसरा (अजमेर) तथा खरनाल (नागौर) में तेजाजी के प्रमुख पूजा स्थल हैं।
- 7 सितम्बर, 2011 को तेजाजी की डाक टिकट जारी की गई उस समय सचिन पायलट राजस्थान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री थे |
- तेजाजी की बहन बुंगरी माता का मंदिर खरनाल नागौर में बना हुआ है |
- तेजाजी के भोपे जो सर्प दंश का इलाज करते हैं उन्हें घोड़ला कहते हैं |
वापस पढ़े:
गोगाजी के बारे में: Click Here
पाबूजी के बारे में: Click Here
हड़बूजी के बारे में: Click Here
रामदेव जी के बारे में: Click Here
मेहाजी के बारे में: Click Here
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